मीडिया स्टडीज ग्रुप द्वारा किया गया सर्वे
सर्वे में 83.67 फीसदी पुरुष व 16.33 महिलाओं ने लिया भाग
बीमारी प्रतिशत
मधुमेह 13.84
रीढ़ की हड्डी १४.34
Nदय एवं रक्तचाप १३.भ्0
दंत रोग 11.39
उदर रोग 13.08
नेत्र रोग 11.81
थकान और सिरदर्द 2.10
दुनिया भर में लोगों को स्वास्थय के बारे में अपनी खबरों व लेखों के जरिए जागरूक करने वाले मीडियाकर्मी खुद कई बीमारियों से ग्रस्त होते हैं। इन्हें ज्यादातर रीढ़ की हड्डी, रक्त चाप व मधुमेह जैसी बीमारियां होती हैं। मीडिया स्टडीज गु्रप द्वारा पत्रकारों पर किए गए एक सवेü के अनुसार 14.34 फीसदी पत्रकारों को रीढ़ की हड्डी एवं अन्य हिस्सों में तकलीफ का सामना करना पड़ रहा है जबकि 13.81 फीसदी मीडियाकर्मी मधुमेह से पीçड़त हैं। 4.41 फीसदी जर्नलिस्ट पिछले पांच साल से अस्वस्थ महसूस कर रहे हैं जबकि 6.62 फीसदी की पिछले तीन साल से तबियत अच्छी नहीं है। इस सवेüक्षण में 83.67 फीसदी पुरुष व 16.33 फीसदी महिलाएं हैं शामिल थीं।
यह सवेü 13 जुलाई 2008 से 13 जून 2009 के बीच किया गया। इसके अनुसार 13.भ्0 प्रतिशत मीडियाकर्मी Nदय एवं रक्तचाप संबंधी रोगों से पीçड़त हैं जबकि दंत रोग से पीçड़त मीडियाकर्मियों की संया 11.39 फीसदी है। 13.08 प्रतिशत मीडियाकर्मी उदर रोगों से पीçड़त हैं। 11.81 फीसदी नेत्र रोग तथा 2.10 प्रतिशत मीडियावाले कमजोरी थकान और सिरदर्द जैसी समस्याओं से परेशान हैं। 48.06 प्रतिशत मीडियाकर्मियों का यह कहना है कि उन्हें उपचार के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है जबकि भ्1.94 फीसदी मीडियाकर्मियों को इलाज के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाता।
खाने-पीने का समय नहीं
61.27 प्रतिशत मीडियाकर्मियों के खाने पीने का कोई निर्धारित समय नहीं है जबकि 17.61 फीसदी मीडियाकर्मियों ने अपने भोजन का समय निर्धारित कर रखा है।
नौकरी के लिए मारामारी
अध्ययन के अनुसार भ्4.17 फीसदी मीडियाकर्मी अपनी नौकरी के मामले में असुरक्षा महसूस करते हैं लेकिन 4भ्.82 प्रतिशत अपनी नौकरी को सुरक्षित मानते हैं। 12.भ्9 फीसदी मीडियाकर्मियों ने अब तक छह या इससे अधिक जगहों पर अपनी सेवाएं दी हैं जबकि 66.43 प्रतिशत मीडियावाले दो से पांच नौकरियां बदल चुके हैं। एक ही संस्थान या संगठन में काम करने वालों का प्रतिशत 28.8 है।
घर से ऑफिस की दूरी
भ्6.2भ् प्रतिशत मीडियाकर्मी 10 किमी या इससे अधिक दूरी तय कर अपने कार्यालय पहुंचते हैं जबकि 21.भ्3 फीसदी मीडियाकर्मियों को इसके लिए भ्-10 कि मी तक की दूरी तय करनी पड़ती है। 1-भ् किमी तक की दूरी तय करने वालों का प्रतिशत 10.06 है जबकि कार्यालय आने के लिए एक से भी कम किमी की दूरी तय करने वालों का प्रतिशत 4.17 है। 16.32 फीसदी मीडियाकर्मी अपने दतर पहुंचने के लिए सिर्फ मेट्रो का इस्तेमाल कर रहे हैं जबकि 11.भ्8 फीसदी को मेट्रो के अलावा दूसरे परिवहन साधनों का भी इस्तेमाल करना पड़ता है। कार से दतर पहुंचने वालों का प्रतिशत 13.16 है जबकि 18.42 फीसदी मीडियाकर्मी स्कूटर या मोटरसाइकिल से कार्यालय पहुंचते हैं। 13.68 फीसदी मीडियाकर्मी तिपहिए से दतर पहुंचते हैं जबकि 10 प्रतिशत बस के जरिए कार्यालय पहुंचते हैं।
काम करने का समय
दिन की पाली में काम करने वाले मीडियाकर्मियों की संया भ्2.3भ् फीसदी है जबकि 21.76 प्रतिशत शाम के समय काम करते हैं। 14.71 फीसदी मीडियाकर्मियों का काम रात के समय निश्चित होता है और 11.18 फीसदी सुबह की पाली में अपने काम को अंजाम देते हैं।
पसंदीदा मीडिया क्षेत्र
सवेüक्षण के अनुसार 61.63 फीसदी मीडियाकर्मियों का पसंदीदा क्षेत्र प्रिंट मीडिया है जबकि टेलीविजन 22.09 प्रतिशत की पसंद है। 4.6भ् प्रतिशत मीडियाकर्मी खुद को किसी समाचार एजेंसी में काम करने का इच्छुक बताते हैं।
कितने खुश-कितने नाखुश
64..४९ प्रतिशत मीडियाकर्मी अपने काम से संतुष्ट हैं जबकि 4भ्.4भ् प्रतिशत असंतुष्ट. 6भ्.भ्1 फीसदी मीडियाकर्मियों को प्रतिदिन 8 घंटे से अधिक समय तक काम करना पड़ता है जबकि 23.6भ् फीसदी ने कहा कि उनसे 8 घंटे ही काम लिया जाता है। 12.84 प्रतिशत मीडियाकर्मियों ने कहा कि उन्हें 8 घंटे से भी कम समय तक काम करना पड़ता है।
साप्ताहिक अवकाश
71.भ्3 फीसदी मीडियाकर्मियों को एक दिन का साप्ताहिक अवकाश मिलता है और 17.36 प्रतिशत को दो दिन का साप्ताहिक अवकाश मिलता है जबकि 11.11 प्रतिशत मीडियाकर्मी ऐसे हैं जिन्हें कोई अवकाश ही नहीं मिलता।
तीन शहर तीन मरीज़ और कोरोना
4 years ago